अरे दोस्त मुझे भूल जाना यह मुमकिन नहीं |
मगर कोशीस से भुलाता रहूँगा ||
सताएगा जब भी गम तुम्हारा |
सकी को दुःख सारा बताता रहूँगा ||
जब जब तेरी याद से दर्द होगा |
पियासे से प्याला उठता रहूँगा ||
खुदा रूठ जायगा तो सकी के दर पे |
मैं सिजरे में सर को उठता रहूँगा ||
ऐ दोस्त इतना न तू गुसा कर |
मै तेरे ही दर पे आता रहूँगा ||
अगर मोत मुझको दर दे भी देगी |
तेरे गीत मुरबात गाता रहूँगा ||
मुझे याद करना चाहे भूल जाना |
मै खुद तेरे दर पे आता रहूँगा ||